बेटियों का नसीब

Pratibha Jadli

कितना अजीब होती हैं बेटियों का नसीब

माँ बाप के होती हैं सबसे करीब

फिर भी जुदा करते हैं खुद से

अमीर हो या गरीब ।।

बेटी बनकर आती है माँ बाप के जीवन मे

भरना चाहती है  खुशिया उनके दामन मे

पर होती है अनजान  इस बात से

कल बसेरा होगा किसी  ओर आगन में !!

ये कैसे  रीत भगवान ने बनाई हैं

कहते है माँ  बाप आज नहीं तो कल

होना तुजे पराई हैं

बचपन से जो पालपोसकर बड़ा करते  हैं

फिर क्यों खुद से जुदा करते हैं !!

बिखर जाती हैं जिन्दगी वहीं पर टूटकर

कैसे  रहेगे  दूसरे आगन में

अपनी बगिया  से छुटकर !!

फिर जरुरी तो नहीं उस बंधन में प्यार मिले

अपने घर जैसा माहोल और घर बार मिले

क्यों रिश्ता हमारा इतना अजीब होता है

क्यों होना पड़ता है जुदा उनसे जो दिल के करीब होता है!!

रचना – प्रतिभा जदली