माँ……..
माँ तो आखिर माँ होती है

माँ……..
माँ तो आखिर माँ होती है
माँ से बढकर इस दुनिया में, कोई चीज़ कहाँ होती है
माँ तो आखिर माँ होती है
दर्द हमें जब होता है, मुहं से माँ निकलता है
क्यूंकि बच्चों के दुःख से, माँ का दिल तड़पता है
सच कहते है लोग सयाने, माँ तो ठंडी छावं होती है
माँ तो आखिर माँ होती है
माँ एक महा शक्ति है, माँ ईश्वर की भक्ति है ,
अपने बच्चों के खातिर, माँ कुछ भी कर सकती है
माँ की तो तारिफ भला, किन शब्दों से बयां होती है
माँ तो आखिर माँ होती है
माँ बिना यूँ लगता है, जीवन में क्या रखा है
झूठा प्यार है लोगो का, माँ क्या प्यार ही सच्चा है
माँ बिना येह जिंदगी, बहुत ही तन्हा होती है
माँ तो आखिर माँ होती है
रचना – अशोक बरथ्वाल